LITTLE KNOWN FACTS ABOUT HANUMAN CHALISA.

Little Known Facts About hanuman chalisa.

Little Known Facts About hanuman chalisa.

Blog Article

तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥२३॥ भूत पिसाच निकट नहिं आवै ।

व्याख्या – श्री हनुमान जी परब्रह्म राम की क्रिया शक्ति हैं। अतः उसी शक्ति के द्वारा उन्होंने भयंकर रूप धारण करके असुरों का संहार किया। भगवान् श्री राम के कार्य में लेश मात्र भी अपूर्णता श्री हनुमान जी के लिये सहनीय नहीं थी तभी तो ‘राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहाँ बिश्राम‘ का भाव अपने हृदय में सतत सँजोये हुए वे प्रभु श्री राम के कार्य सँवारने में सदा क्रिया शील रहते थे।

व्याख्या – मनरूपी दर्पण में शब्द–स्पर्श–रूप–रस–गन्धरूपी विषयों की पाँच पतवाली जो काई (मैल) चढ़ी हुई है वह साधारण रज से साफ होने वाली नहीं है। अतः इसे स्वच्छ करने के लिये ‘श्रीगुरु चरन सरोज रज’ की आवश्यकता पड़ती है। साक्षात् भगवान् शंकर ही यहाँ गुरु–स्वरूप में वर्णित हैं–‘गुरुं शङ्कररूपिणम् ।‘ भगवान् शंकर की कृपा से ही रघुवर के सुयश का वर्णन करना सम्भव है।

Sādhu SādhuGood folks / monks / renunciates santaSantaSaint keKeOf tumaTumaYou rakhavāreRakhavāreKeeper / guardian

Hanuman is surely an ardent devotee of Ram and one of the central figures during the renowned Hindu epic, the Ramayana

व्याख्या – प्राणिमात्र के लिये तेज की उपासना सर्वोत्कृष्ट है। तेज से ही जीवन है। अन्तकाल में देहाकाश से तेज ही निकलकर महाकाश में विलीन हो जाता है।

Any cookies that may not be notably essential for the website to function which is used especially to gather person personal details by using analytics, adverts, other embedded contents are termed as non-important cookies.

It really is up to you; there is not any precise rule to reciting Hanuman Chalisa. The more you repeat, the greater you turn out to be close to Lord Hanuman. Your intellect should really normally be a hundred% focused on the Chalisa although reciting to knowledge the grace of God.

भावार्थ– आप साधु–संत की रक्षा करने वाले हैं, राक्षसों का संहार करने वाले हैं और श्री राम जी के अति प्रिय हैं।

महाबीर जब नाम सुनावै ॥२४॥ नासै रोग हरै सब पीरा ।

व्याख्या– राजपद पर सुकण्ठ की ही स्थिति है और उसका ही कण्ठ सुकण्ठ है जिसके कण्ठपर सदैव श्री राम–नाम का वास हो। यह कार्य श्री हनुमान जी की कृपा से ही सम्भव है।

Hanuman Chaleesa is a devotional music devoted to Lord Hanuman. It's recited to acquire obvious and targeted head with brimming with energy and concentration.

यहाँ हनुमान जी के स्वरूप की more info तुलना सागर से की गयी। सागर की दो विशेषताएँ हैं – एक तो सागर से भण्डार का तात्पर्य है और दूसरा सभी वस्तुओं की उसमें परिसमाप्ति होती है। श्री हनुमन्तलाल जी भी ज्ञान के भण्डार हैं और इनमें समस्त गुण समाहित हैं। किसी विशिष्ट व्यक्ति का ही जय–जयकार किया जाता है। श्री हनुमान जी ज्ञानियों में अग्रगण्य, सकल गुणों के निधान तथा तीनों लोकों को प्रकाशित करने वाले हैं, अतः यहाँ उनका जय–जयकार किया गया है।

[Hath=hand, Bajra=Mace as strong as vajrayudha or diamond; au=and; dhvaja=flag; biraji=happen; kaandhe=on shoulders; munji=of munja grass; janeoo=upavita thread, sacred thread; Sajai=adorn ]

Report this page